18
Aug
उत्तराखंड की धरती पर जब भी लोक चेतना, संघर्ष और प्रकृति संरक्षण की बात होगी—दो नाम हमेशा गूंजेंगे। पहला, उत्तराखंड राज्य आंदोलन के जननायक इंद्रमणी बडोनी, और दूसरा, बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी। आज जब विजय जड़धारी को स्व. इंद्रमणी बडोनी स्मृति सम्मान से विभूषित किया गया, तो यह महज एक व्यक्ति का सम्मान नहीं, बल्कि पारंपरिक कृषि, बीजों की विरासत और प्रकृति संरक्षण की पूरी विचारधारा का अभिनंदन है। एक साधारण किताब की दुकान से आंदोलन के सफर तक सन 1974। चंबा (टिहरी गढ़वाल) में विजय जड़धारी के पिता ने उनके लिए किताबों की एक दुकान खोली।…