देहरादून ।सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) देहरादून जिला कमेटी की एक अहम बैठक 9 जुलाई 2025 को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के संकल्प के साथ सम्पन्न हुई।
बैठक में सीटू के प्रांतीय महामंत्री एम.पी. जखमोला ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार चारों श्रम संहिताओं को पीछे के रास्ते (बैक डोर) से लागू कर रही है, जो पूरी तरह मजदूर विरोधी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन संहिताओं के माध्यम से मजदूरों के अधिकारों को खत्म कर उन्हें पूंजीपतियों के रहमोकरम पर छोड़ने की साजिश की जा रही है। उन्होंने देशभर के मजदूर संगठनों से एकजुट होकर इस नीतियों का विरोध करने का आह्वान किया।
जिला महामंत्री लेखराज ने जानकारी दी कि यह हड़ताल पहले 20 मई को प्रस्तावित थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनावपूर्ण हालातों के चलते इसे टालना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार पुनः श्रम संहिताओं को लागू करने की ओर बढ़ रही है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
लेखराज ने उत्तराखंड सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि धामी सरकार मोदी सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। राज्य सरकार ने न सिर्फ 12 घंटे कार्यदिवस लागू किया है, बल्कि कार्यस्थल पर मजदूर की मृत्यु पर मालिक की गिरफ्तारी पर रोक जैसे मजदूर विरोधी कानून भी बनाए हैं। इसके अलावा बिंदाल और रिस्पना नदी किनारे बनी मजदूर बस्तियों को एनजीटी के नाम पर उजाड़ने का भी विरोध किया गया।
बैठक में यह भी तय हुआ कि 9 जुलाई को देहरादून के मजदूर न केवल हड़ताल में भाग लेंगे, बल्कि गांधी पार्क से जिलाधिकारी कार्यालय तक विशाल प्रदर्शन रैली भी निकालेंगे।
बैठक में कई अन्य प्रमुख नेता व पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से प्रांतीय महामंत्री महेंद्र जखमोला, जिला महामंत्री लेखराज, उपाध्यक्ष एस.एस. नेगी, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल, अभिषेक भंडारी, राम सिंह भंडारी, नरेंद्र सिंह, प्रेमा गढ़िया, एस.एस. राणा, मुरारी सिंह, आशा वर्कर्स यूनियन की प्रांतीय महामंत्री लोकेश देवी, आंगनवाड़ी यूनियन की जिला महामंत्री सुनीता रावत, गुरु प्रसाद पेटवाल सहित अन्य यूनियनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।