उत्तराखंड,देहरादून। गांधी रोड स्थित जैन पंचायती मन्दिर धर्मशाला में आयोजित उत्तराखंड समग्र जैन समाज सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जैन समाज द्वारा उठाई गई जैन कल्याण बोर्ड गठन की मांग पर सरकार के स्तर से गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के 31 शहरों से आए जैन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जैन धर्म हमारी संस्कृति और दर्शन का अभिन्न अंग है। उन्होंने चतुर्मास के पवित्र महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आत्मशोधन और साधना का अवसर है। जैन मुनि समाज को धर्म और सेवा के पथ पर आगे बढ़ाने में निरंतर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जैन मुनियों ने केवल अहिंसा का पाठ ही नहीं पढ़ाया, बल्कि समाज को संगठित होकर लक्ष्यों की प्राप्ति का मार्ग भी दिखाया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशहित में लिए गए कठोर निर्णयों का उल्लेख करते हुए बताया कि नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, लैंड जिहाद पर कार्रवाई, 900 एकड़ जमीन को मुक्त कर सरकारी स्वामित्व में लाना, 250 अवैध मदरसों को हटाना और मदरसा बोर्ड को समाप्त करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
सम्मेलन में उपस्थित जैन मुनि 108 आचार्य गौरव सागर महाराज ने कहा कि देश, राज्य और समाज सेवा नेताओं का कर्तव्य है। जहां संत और सत्ता एक साथ कार्य करते हैं, वहां समग्र विकास निश्चित होता है। उन्होंने कहा कि जैन समाज आरक्षण नहीं, बल्कि संरक्षण चाहता है।
जैन मुनि रविन्द्र महाराज ने कहा कि भले ही भारत में जैन समाज की संख्या सीमित है, लेकिन उनके योगदान से समाज के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जैन समाज के 250 संस्थान कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि जैन कल्याण बोर्ड का गठन होने से समाज की गतिविधियां और व्यवस्थित होंगी, जिससे अन्य समाजों का भी कल्याण होगा। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा जैन समाज के लिए 2 करोड़ 17 लाख की स्वीकृति हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, राजपुर विधायक खजान दास, आर.के. जैन, गोपाल सिंघल सहित विभिन्न जैन संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।