देहरादून। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) द्वारा DAV पीजी कॉलेज, देहरादून में दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचारों और हाल ही में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई पर जूता फेंकने जैसी निंदनीय घटना के खिलाफ रैली एवं विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।
इस प्रदर्शन का उद्देश्य समाज में व्याप्त भेदभाव और हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाना तथा देश की न्यायपालिका और संविधान की गरिमा की रक्षा करना था।
प्रदर्शन में SFI उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, जिला सचिव अयाज़, SFI देहरादून इकाई की सचिव कनिका सहित अनेक छात्र-छात्राओं और साथियों ने भाग लिया।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नारे लगाकर दलितों के साथ हो रहे अन्याय का विरोध किया और प्रशासन से मांग की कि देश में प्रत्येक नागरिक को समानता, न्याय और सम्मान की गारंटी दी जाए।
SFI DAV इकाई अध्यक्ष ने कहा कि —
“लड़ाई विचारों की होनी चाहिए, हिंसा की नहीं। यदि मुख्य न्यायाधीश पर हमला हो सकता है, तो किसी भी कुलपति, नागरिक, छात्र, नेता या पत्रकार पर भी हमला हो सकता है। यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। सरकार को दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।”
इकाई सचिव ने कहा —
“यह केवल व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि संविधान पर हमला है। इसलिए संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए आवाज़ बुलंद करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।”
जिला सचिव अयाज़ ने कहा —
“दलितों पर किसी भी प्रकार का हमला सीधे SC/ST एक्ट के अंतर्गत आता है। सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में कठोर कार्रवाई कर न्यायपालिका की गरिमा और अस्मिता की रक्षा करे।”
SFI देहरादून इकाई सचिव कनिका ने कहा —
“यदि ऐसी घटनाएं लगातार होती रहीं, तो विश्वविद्यालय की अथॉरिटी, छात्र नेता या आम छात्र भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। न्यायपालिका का अपमान, दरअसल, पूरे देश का अपमान है।”
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) द्वारा DAV पीजी कॉलेज, देहरादून में दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचारों और हाल ही में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई पर जूता फेंकने जैसी निंदनीय घटना के खिलाफ रैली एवं विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया।
इस प्रदर्शन का उद्देश्य समाज में व्याप्त भेदभाव और हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाना तथा देश की न्यायपालिका और संविधान की गरिमा की रक्षा करना था।
प्रदर्शन में SFI उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, जिला सचिव अयाज़, SFI देहरादून इकाई की सचिव कनिका सहित अनेक छात्र-छात्राओं और साथियों ने भाग लिया।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने नारे लगाकर दलितों के साथ हो रहे अन्याय का विरोध किया और प्रशासन से मांग की कि देश में प्रत्येक नागरिक को समानता, न्याय और सम्मान की गारंटी दी जाए।