देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) उत्तराखंड के सभागार में आयोजित बैठक में आयुष्मान सूचीबद्ध अस्पतालों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में पोर्टल पर चिकित्सकीय दरों की विसंगतियां, निरस्त व एररोनियस चिकित्सा दावे, लंबित भुगतान और आईटी संबंधी दिक्कतें प्रमुख मुद्दे रहे।
बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविन्द सिंह ह्यांकी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्राधिकरण स्तर की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया जाए। साथ ही, अस्पतालों से लाभार्थी हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, आपसी समन्वय बनाकर सहयोग की भावना से कार्य करने और आयुष्मान व एसजीएचएस लाभार्थियों को बिना किसी रुकावट के बेड उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
प्राधिकरण अध्यक्ष ह्यांकी ने कहा कि एनएचए स्तर की समस्याओं के लिए प्रस्ताव भेजे जाएंगे। उन्होंने अस्पतालों से कार्यप्रणाली को समयबद्ध और व्यवस्थित बनाने को कहा तथा स्पष्ट किया कि लापरवाही किसी भी स्तर पर बाधा उत्पन्न करती है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आयुष्मान में समय पर भुगतान हो रहा है, हालांकि राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में कुछ विलंब संभव है, जिसके लिए सहयोग अपेक्षित है।
सीईओ रीना जोशी ने चेतावनी दी कि यदि किसी अस्पताल से एसजीएचएस लाभार्थियों को बेड कम देने या इनकार करने की शिकायतें आती हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना से जुड़ी किसी भी जानकारी को लेकर भ्रम फैलाने वालों से सतर्क रहने की जरूरत है।
बैठक में अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने लाभार्थियों के हित में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान महंत इंद्रेश, स्वामीराम हिमालयन हॉस्पिटल, कनिष्क, ग्राफिक एरा सहित कई अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। वहीं प्राधिकरण से निदेशक वित्त अभिषेक आनन्द, निदेशक प्रशासन डा. डीपी जोशी, अपर निदेशक निखिल त्यागी और अमित शर्मा शामिल रहे।