मई दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि, मजदूरों के अधिकारों की रक्षा का लिया संकल्प

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देहरादून। उत्तराखंड संयुक्त मई दिवस समारोह समिति द्वारा आज गांधी पार्क से एक विशाल रैली निकाली गई। रैली गांधी पार्क से शुरू होकर घंटाघर, पलटन बाजार, धामावाला, राजा रोड, गांधी रोड, दर्शन लाल चौक होते हुए पुनः गांधी पार्क में समाप्त हुई। इस रैली में सैकड़ों मजदूर व कर्मचारी शामिल हुए।

सीटू के जिला महामंत्री कामरेड लेखराज ने कहा कि 1886 में अमेरिका के शिकागो में मजदूरों ने 8 घंटे काम की मांग को लेकर संघर्ष किया था, जिसमें कई मजदूर शहीद हुए थे। इसी आंदोलन की स्मृति में 1 मई को पूरी दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नई श्रम संहिताएं मजदूर विरोधी हैं। 44 पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर चार संहिताएं बनाई गई हैं, जो पूरी तरह से पूंजीपतियों के पक्ष में हैं। काम के घंटे बढ़ाकर 12 करना मजदूरों को गुलामी की ओर धकेलने जैसा है।

एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण तेज़ी से हो रहा है — रेलवे, भेल, बैंक, बीमा, एयर इंडिया, कोल इंडिया, हवाई अड्डे तक को बेचने का काम किया जा रहा है। इससे आम जनता और मजदूर दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

वक्ताओं ने शिकागो आंदोलन का उल्लेख करते हुए कहा कि मजदूरों की ऐतिहासिक कुर्बानियों के कारण ही आज 8 घंटे काम का अधिकार संभव हो पाया है। पहले मजदूरों से 14-16 घंटे काम लिया जाता था, वे अत्यंत शोषण और प्रताड़ना के शिकार थे।

उन्होंने कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था ने मजदूरों को संगठित किया, पर शोषण भी चरम पर पहुंचा। शिकागो की ऐतिहासिक हड़ताल और नरसंहार के बाद मजदूर आंदोलन वैश्विक स्तर पर मजबूत हुआ। मजदूरों का खून लाल झंडे में बदल गया, जो आज भी संघर्ष का प्रतीक है।

सभा में अन्य वक्ताओं ने कहा कि 

  • मोदी सरकार की नीतियों से देश में स्थायी रोजगार समाप्त हो रहे हैं।
  • 1991 में शुरू हुए उदारीकरण ने मजदूर हितों को नुकसान पहुंचाया।
  • चार श्रम संहिताएं मजदूरों के अधिकार छीनने का प्रयास हैं।

सभा के अंत में सभी ने 20 मई 2025 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया। इससे पहले, पहलगांव में हुए आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप दो मिनट का मौन रखा गया। आतंकवाद और साम्प्रदायिक हिंसा की निंदा की गई।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से एटक के उपाध्यक्ष समर भंडारी, शिवप्रसाद देवली, एस.एस. रजवार, शिवा दुबे, मोनिका, विवेक चंद गुड्डू, गौरव राजोरिया, नीरज यादव, समेत सैकड़ों कर्मचारी और मजदूर उपस्थित रहे।सभा का संचालन कामरेड लेखराज (जिलामहामंत्री, सीटू) ने किया।

 

By Jagriti Gusain

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