उत्तराखंड, देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी ने आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी करने वाले अस्पतालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य एंटी फ्रॉड यूनिट ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है, जिससे धोखाधड़ी करने वाले अस्पतालों पर नजर रखी जा रही है ।मरीज से इलाज से पहले और बाद मे फीडबैक लिया जाएगा धोखाधड़ी तथा लापरवाही करने वालों को परिणाम भुगतने होंगे।
हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी ने राज्य एंटी फ्रॉड यूनिट को अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने ऑडिट को और भी सावधानीपूर्वक व गुणवत्तापूर्ण तरीके से करने की बात कही। विशेष ऑडिट के तहत आयुष्मान योजना के अन्तर्गत इलाज से पहले और बाद में लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, जिन दावों को टीम ने अस्वीकृत किया है, विशेष रूप से अस्पताल की वित्तीय मांगों के संबंध में, लाभार्थियों से फीडबैक एकत्र किया जाएगा।
यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्पतालों में लाभार्थियों को कैशलेस और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा हो। अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लाभार्थियों के विवरण में किसी भी प्रकार की विसंगति से बचें और घोषणा पत्र में सभी जानकारी सही-सही भरें। इसके अलावा, कॉल सेंटर कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिससे जांच प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न किया जा सके।
अगर जांच के दौरान किसी अस्पताल द्वारा धोखाधड़ी का पता चलता है, तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। निदेशक मेडिकल क्वालिटी, डॉ. विनोद टोलिया ने बताया कि जारी निर्देशों के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी गई है और जांच टीमों को अधिक सतर्क और सक्रिय रहने के लिए कहा गया है।