उत्तराखंड देहरादून। उत्तरप्रदेश के त्र्यंबकेश्वर में भगवान के भोग (प्रसाद) में मिलावट पर प्रदेश के धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, मिलावटी वस्तुएं धार्मिक उत्सव तक नहीं पहुंचनी चाहिएं। नासिक उत्तर प्रदेश के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के यज्ञ के पास मिलावटी प्रसाद अस्वीकार्य है। यह समस्या हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है। उत्तराखंड में जहां-जहां भी भगवान का भोग बनता है, हमने उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री, सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के यज्ञ के पास मिलावटी प्रसाद अस्वीकार्य है। यह समस्या हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जहां-जहां भी भगवान का भोग बनता है, वह बड़ी पवित्रता के साथ बनता है, लेकिन उत्तर प्रदेश की घटना के बाद हमने धर्मस्व सचिव को निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में जहां-जहां भी भगवान का भोग बनता है, वह शुद्धता और पवित्रता से बने और उसमें किसी भी प्रकार की मिलावटी वस्तु जलसै तक न पहुंचने पाए।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के पास की पवित्रता और शुद्धता का बड़ा प्रचार-प्रसार है, उसी प्रकार हमारे यहां भी विभिन्न धार्मिक मंदिरों के प्रसाद का अपना एक धार्मिक महत्व है। इसलिए उसकी पवित्रता और शुद्धता बनाए रखना भी बहुत जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भगवान के प्रसाद और भोग को बनाने में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए।