उत्तराखंड ,देहरादून। शनिवार को राज्य स्थापना दिवस की 24वीं बर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों ने उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के वेनर तले शसक्त भू-कानून, मूल निवास, छूटे हुए आंदोलनकारियों का चिह्ननीकरण,ओल्ड पेंशन, बिगड़ती कानून व्यवस्था एवं महिला अपराध आदि मांगों को लेकर परेड ग्राउंड से घंटाघर होते हुए कचहरी तक मार्च निकालकर सरकार को चेताया।
परेड ग्राउंड में एकत्रित विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड में काफी समय से शसक्त भू-कानून लागू करने की मांग उठाई जाती रही हैं इस माग के मूल में एक सख्त भू-कानून के माध्यम से यहां के लोगों की जमीनों को दलालों के माध्यम से बहारी लोगों को बेचने पर रोक लगाना है,ताकि इस पहाड़ी राज्य का मूल स्वरूप बरकरार रहे।
वक्ताओं ने कहा कि यहां पर जिस प्रकार से नेताओं तथा अधिकारियों की मिलीभगत से जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है उससे एक दिन यहां की मूल आबादी बेघर होकर रह जायेगी तथा यही हाल रहे तो पूरे प्रदेश पर एक दिन बहारी लोगों कांग्रेस कब्जा हो जाएगा जोकि चिंतनीय विषय है।
इस समय कोई भी व्यक्ति उत्तराखंड में 250 वर्गमीटर जमीन खरीद सकता है| किन्तु कमजोर भू कानून के कारण लगातार पहाड़वासी भूमिहीन एवं बेघर हो रहे है | वर्तमान डबल इंजन सरकार की कॉर्पोरेट प्ररस्त नीतियो के परिणामस्वरुप पहाड़ों को छलनी-छलनी किया जा रहा है |
इन संगठनों का कहना है कि चोर दरवाजे से सरकारों द्वारा पहाड़ के नदी नालों ,घाटियों तथा पहाड़ों को देश के बड़े- बड़े घरानों तथा भू माफिया के हवाले कर दिया गया है| उत्तराखण्ड की मुख्यसचिव जो आये दिन भू कानून लागू करने हेतु सख्त आदेश निकालती रहते हैं ,उन्ही के राजपुर रोड़ स्थित सरकारी आवास के इर्दगिर्द तथा प्राईम लैण्ड पर बिल्डिर्स एवं भू माफिय कब्जा जमायें हुऐ हैं ,इसी प्रकार रेसकोर्स में भी कुछ माफियाओं का कब्जा है।उत्तराखण्ड में पीएसीएल,गोल्डन फारेस्ट तथा अन्य कई भूमि घोटाले जिनमें सत्ता से जुड़े लोग,आला अधिकारी तथा भू माफिया संलिप्त है इस सन्दर्भ में उच्च आदेश के बावजूद कार्यवाही ठण्डे बस्ते पर हैं,इसके खिलाफ संघर्षरत लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमें आम बात है।
उपस्थित लोगों ने भू-कानून के अलावा मूल निवास, छूटे हुए आंदोलनकारियों का चिह्ननीकरण, पुरानी पेंशन बहाली, बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिला अपराध, बढ़ती बेरोज़गारी आदि अनेक मुद्दों पर सरकार से तत्काल सकारात्मक कार्रवाई की मांग की।
सभा के बाद सभी संगठनों के लोग जुलूस की शक्ल में गांधी पार्क होते हुए घंटाघर पर स्व0 इन्द्र मणि बडोनी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर पर्वतीय गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे तथा वहां पर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
जुलूस में उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद के वैनर तले आयूपी ,सीपीआईएम ,यूकेडी ,जनवादी महिला समिति ,महिला मंच ,चिन्हीकरण राज्य आन्दोलनकारी समिति ,वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी
नेताजी संघर्ष समिति ,सीटू ,पीपुल्स फोरम उत्तराखण्ड,एस एफ आई, एआईएलयू आदि संगठन उपस्थित रहे।
इस अवसर प्रमुख लोगों में नवनीत गुंसाई ,राकेशश्वर पोखरियाल अध्यक्ष संयुक्त परिषद,अनन्त आकाश
सचिव,सिपीआईएम ,शिवप्रसाद देवली पूर्व जिलापंचायत उपाध्यक्ष देहरादून लेखराज ,पूर्व अध्यक्ष छात्र संघ ,इन्दुनौडियाल उपाध्यक्ष ,जनवादी महिला समिति उत्तराखंड,प्रमिला रावत ,केन्द्रीय उपाध्यक्ष यूकेडी ,निर्मला बिष्ट,बरिष्ठ नेत्री ,महिला मंच,सुरेन्द्र सिंह सजवाण
प्रदेश अध्यक्ष किसान सभा,चिन्हीकरण राज्य आन्दोलनकारी समिति,बालेश बबानिया ,सुरेश कुमार ,चिन्तन सकलानी ,मनोज ध्यानी
बरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी जय प्रकाश उत्तराखण्डि,हिमान्शु चौहान आदि उपस्थित थे।