

देहरादून। जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ कम्युनिकेशन (जेयूसी) ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अस्थियों के साथ हुई अमानवीय घटना पर रोष व्यक्त करते हुए वहां के जिला एवं पुलिस प्रशासन से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। यूनियन ने परिवार को एक करोड़ रुपये की तत्काल सहायता राशि देने की भी अपील की है।
विदित हो कि 3 जनवरी 2025 को बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव उनके रिश्तेदार के खेत में बने शेफ्टी टैंक से बरामद हुआ था जिससे पूरे देश के पत्रकारों में व्यापक रोष है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुकेश चंद्राकर के परिजन जब मुक्तिधाम पहुंचे, तो अस्थि कलश गायब मिला। काफी खोजबीन के बाद कलश 50 मीटर दूर टूटा हुआ पाया गया, और अस्थियां बिखरी हुई थीं। इस घटना ने मृतक के परिजनों और यूनियन के सदस्यों को गहरे सदमे में डाल दिया।
प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सिंघल ने इसे अमानवीय और असहनीय घटना बताते हुए कहा कि यह कृत्य बर्दाश्त के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस घटना से पत्रकारों के बीच गहरा आक्रोश है, और यूनियन ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए।
यूनियन ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाएं न केवल परिवार को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती हैं। जेयूसी ने प्रशासन से मामले को प्राथमिकता के आधार पर देखने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।