

देहरादून। उत्तराखंड में सोमवार आज से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो रही है, जिससे कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। अब शादी का पंजीकरण अनिवार्य होगा और इसके लिए ग्राम सभा स्तर पर भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। तलाक के लिए सभी जातियों और धर्मों के लिए समान कानून लागू होगा।
मुख्य बदलाव
1. हलाला प्रथा समाप्त – अब हलाला जैसी प्रथाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी।
2. बहुविवाह पर रोक – अब कोई भी व्यक्ति एक से अधिक विवाह नहीं कर सकेगा।
3. शादी की उम्र समान – सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र समान होगी।
4. बच्चों को गोद लेने का अधिकार – सभी धर्मों के लोगों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा, हालांकि वे दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं ले सकेंगे।
5. लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य – लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा, और इससे जन्मे बच्चों को शादीशुदा जोड़े के बच्चों के समान अधिकार मिलेगा।
6. उत्तराधिकार में समानता – अब लड़कियों को भी लड़कों के बराबर संपत्ति में अधिकार मिलेगा।
7. विशेष समुदायों को छूट – अनुसूचित जनजातियों को UCC के दायरे से बाहर रखा गया है। साथ ही, पूजा-पद्धति और परंपराओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सशस्त्र बलों के लिए विशेष प्रावधान
UCC में सशस्त्र बलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। यदि कोई सैनिक, वायुसैनिक या नौसैनिक किसी विशेष अभियान में हो, तो वह विशेषाधिकार वाली वसीयत कर सकता है। इस वसीयत को बिना हस्ताक्षर या गवाहों के भी मान्यता मिल सकती है, बशर्ते यह पुष्टि हो कि वह उसी व्यक्ति द्वारा लिखी गई है।
विवाह पंजीकरण के नियम
विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा और इसके लिए कट-ऑफ डेट 27 मार्च 2010 निर्धारित की गई है।इस तिथि के बाद हुए सभी विवाहों को छह महीने के भीतर पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा।विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन करने पर, यदि 15 दिनों में निर्णय नहीं होता, तो इसे स्वीकृत माना जाएगा।
उत्तराखंड बना पहला राज्य
UCC लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में UCC की नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया।