देहरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने सभी कार्मिकों को संबोधित किया। उन्होंने योजना से जुड़े मानवीय पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में कार्य करते समय हमें सेवा का अवसर एक सौभाग्य के रूप में लेना चाहिए।
अरविंद सिंह ह्यांकी ने कहा कि आयुष्मान योजना की सफलता के लिए जन जागरूकता और सहभागिता अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लाभार्थियों को यह समझना चाहिए कि निशुल्क उपचार के लिए खर्च होने वाला पैसा सरकार का नहीं, बल्कि उनका स्वयं का है, जिसके दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए।
उन्होंने योजना का लाभ सभी नागरिकों तक पहुंचाने की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया, खासकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है।इसके लिए नेटवर्क को बढ़ाने, शिविरों का आयोजन करने, और आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेने जैसे प्रयासों को कारगर बताया।
कार्यक्रम में ह्यांकी ने कहा कि गलत कार्य करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जबकि बेहतर सेवा देने वाले अस्पतालों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी दायित्वों को समयबद्धता से पूरा करने पर बल दिया।
गौरतलब है कि आयुष्मान योजना की शुरुआत 23 सितंबर 2018 को हुई थी। राज्य में अब तक 57.68 लाख आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं और 12.50 लाख मरीजों ने इस योजना के तहत निशुल्क उपचार प्राप्त किया है, जिस पर 2542 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
इस अवसर पर निदेशक वित्त अभिषेक आनंद, निदेशक प्रशासन डॉ. विनोद टोलिया, अपर निदेशक अतुल जोशी, अमित शर्मा और डॉ. हर्ष ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।