देहरादून। ओलंपिक में योग को शामिल करने की मुहिम अब उत्तराखंड से परवान चढे़गी। 38 वे राष्ट्रीय खेलों में योग को शामिल करने के दूरगामी परिणाम तय माने जा रहे हैं। उत्तराखंड के लिए यह दोहरी खुशी का मौका है कि पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी अलावा एक खेल के रूप में योग का भी राष्ट्रीय खेलों में पदार्पण उत्तराखंड की धरती पर होने जा रहा है।
योग को ओलंपिक खेलों में शामिल कराने के लिए केंद्र सरकार ने एक अभियान छेड़ा हुआ है। कई मंचों पर भारत अपनी इस मांग को प्रभावशाली ढंग से उठा चुका है। केंद्र सरकार प्रयासरत है कि अगले ओलंपिक खेलों में योग को प्रारंभिक तौर पर शामिल कर लिया जाए।
राष्ट्रीय खेलों में योग को हिस्सा बनाने की बातें पहले से होती रही हैं, लेकिन उत्तराखंड में होने जा रहे 38 वें राष्ट्रीय खेल में इसे औपचारिक तौर पर शामिल किया जा रहा है। उत्तराखंड और योग प्रेमियों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दे रहे हैं। बकौल, सिंह मुख्यमंत्री ने भारतीय ओलंपिक संघ से इसके लिए ठोस पैरवी की। इसके नतीजतन ही योग अब राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बन रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ पर पडे़गा अब दबाव
भारत की ओर से अभी तक ओलंपिक खेलों में योग को शामिल करने की मांग जरूर की जा रही थी, लेकिन उसके अपने राष्ट्रीय खेलों में ही यह शामिल नहीं था। अब 38 वें राष्ट्रीय खेलों में योग के शामिल होने से अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के समक्ष प्रभावपूर्ण पैरवी संभव हो सकेगी।
दुनिया में लगातार बढ़ रही योग की स्वीकार्यता
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के काबिज होने के बाद से योग की स्वीकार्यता पूरी दुनिया में बढ़ी है। योग के ब्रांड अंबेसडर बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रभाव भी बढ़ा है। केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने योग को लेकर एक अलग फेडरेशन का निर्माण किया है। इस फेडरेशन के मार्फत ही योग को ओलंपिक में शामिल करवाने की पैरवी की जा रही है।
शुभंकर समारोह में भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने सार्वजनिक तौर पर इसकी जानकारी साझा की थी। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह के अनुसार-दो-तीन दिन के भीतर इस संबंध में डायरेक्टर ऑफ कम्पटीशन (डीओसी) की टीम उत्तराखंड पहुंच रही है। योग की प्रतिस्पर्धा अल्मोड़ा में कराई जा रही है, जबकि मलखंब के लिए खटीमा चयनित किया गया है।