देहरादून। नगर निकाय चुनाव भारी सुरक्षा के साथ सम्पन्न हो गया है,हालांकि कई स्थानों पर वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की सूचना चर्चा में रही, जिससे कुछ लोगों को मालूम होकर लौटना पड़ा है।संवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष सतर्कता देखने को मिली।


नगर निकाय चुनाव में प्रशासन द्वारा सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। 114 अति-संवेदनशील और अन्य संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर, इन पर विशेष निगरानी रखी गईं। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टीमें सतर्क हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो हुई।
स्ट्रॉन्गरूम और मतगणना पर कड़ी निगरानी
मतदान सामग्री के सुरक्षित भंडारण और मतगणना प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी एवं उपजिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह के नेतृत्व में स्ट्रॉन्गरूम की सुरक्षा पर सख्त नजर रखी जा रही है। मतगणना के दिन प्रत्येक नगर निगम के लिए अलग-अलग टेबल की व्यवस्था की गई है, जिससे गिनती प्रक्रिया व्यवस्थित और निर्बाध रूप से पूरी हो सके।
मतदान में मतदाताओं का जोश और भागीदारी
आज मतदान के दौरान मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लग गईं। युवा, बुजुर्ग, और महिलाएं – सभी अपने मताधिकार का उपयोग करने पहुंचे। दिव्यांग मतदाताओं के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गईं, जिससे सभी के लिए मतदान प्रक्रिया सुविधाजनक और समावेशी बनी रही।
चुनावी प्रक्रिया पर प्रशासन की पैनी नजर
राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक अहमद इकबाल, रवनीत चीमा, अभिषेक रूहेल और व्यय प्रेक्षक बालक राम ने जिलेभर में चुनावी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल, मुख्य विकास अधिकारी एवं उपजिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह, तथा नोडल व्यय अधिकारी नीतू भंडारी के नेतृत्व में प्रशासन ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए।
लोकतंत्र के आदर्श चुनाव की ओर देहरादून
देहरादून नगर निकाय चुनाव 2024 न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रतीक है, बल्कि प्रशासनिक दक्षता, महिला सशक्तिकरण और निष्पक्षता का भी आदर्श उदाहरण है। प्रशासन की सुदृढ़ तैयारियों और नागरिकों की भागीदारी ने इस चुनाव को ऐतिहासिक बना दिया है।
“मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि नागरिकों की जिम्मेदारी भी है। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए प्रत्येक मतदाता का योगदान अनिवार्य है।” – जिलाधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल
अब सभी की नजरें 25 जनवरी को होने वाली मतगणना और चुनावी नतीजों पर टिकी हैं।