उत्तराखंड,देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देखते हुए मुख्यमंत्री अब केदारनाथ दौरे के दौरान जिस प्रकार से घोषणाओं की बौछार कर रहे हैं, वह महज चुनावी रेवड़ियां हैं। माहरा ने कहा कि वास्तव में भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केदारनाथ क्षेत्र की जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
माहरा ने आगे कहा कि ठीक इसी तरह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपनी धार्मिक यात्राओं के दौरान उत्तराखंड की भोली-भाली जनता को छलते रहे हैं। अब पुष्कर सिंह धामी भी कोरी घोषणाओं की रेवड़ियां बांटकर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री धामी से सवाल किया कि यदि उन्हें केदारनाथ की इतनी चिंता है, तो उन्हें वहां की जनता को बताना चाहिए कि भगवान शंकर के ज्योतिर्लिंग से 230 किलो सोने की चोरी की जांच का क्या हुआ? उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नई दिल्ली में केदारनाथ से शिला ले जाकर मंदिर निर्माण की अनुमति किसने दी थी? और जब मंदिर का निर्माण स्थगित कर दिया गया, तो मंदिर के नाम पर आया चंदा मंदिर समिति के खाते में क्यों नहीं आया?
उन्होंने यह भी पूछा कि जिस शिला को मुख्यमंत्री दिल्ली ले गए थे, वह अभी तक केदारनाथ वापस क्यों नहीं आई?
माहरा ने आरोप लगाया कि चुनावों के नजदीक आते ही भाजपा के नेता जनता की धार्मिक भावनाओं से खेलने लगते हैं। केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भी चुनावी रेवड़ियां बांटने लगे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी सवाल खड़ा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक केदारनाथ में विधायक नहीं चुना जाता, तब तक वहां की जनता उन्हें ही अपना विधायक माने। उन्होंने पूछा, “क्या इससे पहले केदारनाथ में कोई विधायक नहीं था या मुख्यमंत्री पहले वहां की जनता के मुख्यमंत्री नहीं थे?”मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता केदारनाथ मंदिर से हुई सोने की चोरी के मामले में अब तक जनता को गुमराह करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्रों के माध्यम से 230 किलो सोने की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कर्मियों की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जब सोने की चोरी का खुलासा होता है, तो भाजपा के नेता 230 किलो को 23 किलो बताने लगते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि 230 किलो सोने की चोरी के मामले में उन्होंने सरकार का मुखिया होने के नाते अब तक क्या कार्रवाई की है?
माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस बारे में जनता को सच्चाई बतानी चाहिए कि उनकी ही सरकार द्वारा नियुक्त बीकेटीसी के अध्यक्ष ने सुरक्षा की मांग क्यों की थी। यदि ऐसा नहीं है, तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने 230 किलो सोना होने का दावा किया था।
उन्होंने अंत में कहा कि बद्रीनाथ की तरह केदारनाथ क्षेत्र की जनता भी भाजपा के इस छल को समझ चुकी है और आगामी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।