ग्राम सुद्धोवाला, देहरादून में शराब की दुकान के विरोध में ग्रामीणों का धरना जारी,आक्रोश बढ़ा

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उत्तराखंड,देहरादून। ग्राम सुद्धोवाला में पिछले 101 दिनों से ग्रामीणों द्वारा शराब की दुकान खोले जाने के विरोध में धरना जारी है। सोमवार को SDM विकासनगर वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। इस दौरान सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा, “यह मेरा भी गांव है, मैं आपके साथ हूं।” इसके बाद ग्रामीण थोड़े शांत हुए, लेकिन उनका गुस्सा सरकार की नीतियों के खिलाफ बना रहा।

कैसे शुरू हुआ विरोध?

  • 20 अक्टूबर 2024: ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दुकान स्वामी से अनुरोध किया कि वह शराब की दुकान न खोले, लेकिन उसने इनकार कर दिया।
  • 24 अक्टूबर 2024: ग्रामीणों ने DM कार्यालय पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। DM की अनुपस्थिति में ADM से वार्ता हुई, जहां उन्होंने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
  • उसी दिन, आबकारी विभाग ने नियमों की अनदेखी कर दुकान स्वामी को लाइसेंस जारी कर दिया, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ गई।
  • 26 अक्टूबर 2024: ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया।
  • 11 नवंबर 2024: ग्रामीणों ने फिर से DM के जनता दरबार में शिकायत की। उस दिन भी DM अनुपस्थित थे, लेकिन CDO ने आबकारी विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए।

न्यायालय में मामला पहुंचा

कुछ दिनों बाद, दुकान स्वामी ने कोर्ट में तर्क दिया कि ग्रामीण मसाज पार्लर का विरोध कर रहे हैं, जबकि वह अब मसाज पार्लर नहीं खोल रहा। इस आधार पर कोर्ट ने ग्रामीणों को दुकान से 100 मीटर दूर प्रदर्शन करने का आदेश दिया।

इसके बाद, ग्रामीणों ने भी न्यायालय का रुख किया। कोर्ट ने DM देहरादून को ग्रामीणों से वार्ता करने के निर्देश दिए।

आबकारी विभाग पर सवाल, पुलिस रिपोर्ट भी अनदेखी

स्थानीय पुलिस ने भी रिपोर्ट दी थी कि गांव में शराब की दुकान खुलना उचित नहीं, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग पूरी तरह से दुकान स्वामी के पक्ष में झुका हुआ है।

सरकार की नीति पर सवाल

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, लेकिन अब यहां गांव-गली में ग्रोसरी वाइन के नाम पर शराब की दुकानें खोली जा रही हैं। ऋषिकेश, देवप्रयाग जैसे धार्मिक स्थलों पर भी शराब की दुकानें खुलने से जनता में भारी आक्रोश है।ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो भविष्य में होने वाली किसी भी स्थिति के लिए प्रशासन और सरकार ही जिम्मेदार होगी।

आज धरना प्रदर्शन एवं वार्ता के दौरान पंकज गुसाईं, राकेश भट्ट, राहुल पुंडीर, यशपाल नेगी, आनन्द सिंह चौहान,विधि चंद, राजेंद्र भण्डारी,पदमा गुप्ता,सोनी रावत, संपत्ति गुसाईं, ममता देवी सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

 

By admin

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