संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर के अपमान पर देश की जनता से माफी मांगकर इस्तीफा दे गृहमंत्री अमित शाह – गुरदीप सिंह सप्पल 

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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सीडब्ल्यूसी सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर पर संसद में दिए बयान पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा कि संविधान के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर संसद सत्र के दौरान संविधान पर व्यापक चर्चा हुई। इस चर्चा में सभी दलों के सांसदों ने अपनी बात रखी। इसी दौरान, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर के संदर्भ में ऐसा बयान दिया जिसने पूरे देश की जनता को आहत किया। उन्होंने कहा, “अंबेडकर-अंबेडकर कहना जैसे फैशन बन गया है। इतनी बार ईश्वर का नाम लिया होता तो ईश्वर स्वयं मिल जाते।”

इस बयान ने न केवल बाबा साहेब का अपमान किया, बल्कि संघ और भाजपा की संविधान तथा अंबेडकर के प्रति नफरत को उजागर कर दिया। इस अपमानजनक बयान पर देशभर में रोष है। कांग्रेस पार्टी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग की है।

संघ और भाजपा का संविधान विरोधी इतिहास:

यह पहली बार नहीं है जब संघ और भाजपा पर संविधान के प्रति दुर्भावना का आरोप लगा है।

1950 में, संघ ने खुले तौर पर संविधान का विरोध किया था और अपने मुखपत्र ऑर्गनाइज़र में लिखा था कि यह संविधान भारतीय परंपराओं और मनुस्मृति के अनुसार नहीं है।

1993 में, संघ ने व्हाइट पेपर जारी कर संविधान में बदलाव की बात कही थी।

वाजपेयी सरकार के समय कॉन्स्टिट्यूशन रिव्यू कमीशन का गठन किया गया था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने खारिज कर दिया।

डॉ. अंबेडकर का संघर्ष और कांग्रेस का योगदान:

डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा में लाने का श्रेय भी कांग्रेस को जाता है।

जब बंगाल विभाजन के कारण उनकी सीट चली गई, तो कांग्रेस ने उन्हें मुंबई से सदन में भेजा।

उन्हें संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।

भारत सरकार की पहली कैबिनेट में लॉ मिनिस्टर के रूप में शामिल किया गया।

डॉ. अंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू ने हिंदू कोड बिल लाने का प्रयास किया, जो महिलाओं को अधिकार देने का एक क्रांतिकारी कदम था। परंतु आरएसएस और अन्य रूढ़िवादियों ने इसका कड़ा विरोध किया।
1951 में, आरएसएस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में इस बिल के विरोध में प्रदर्शन किया और नेहरू तथा अंबेडकर के पुतले जलाए। लेकिन कांग्रेस ने अपने बहुमत के जरिए बिल को चार हिस्सों में बांटकर पास करवाया, जिससे महिलाओं को उनके अधिकार मिले।

कांग्रेस की मांग:

बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि जन-जन के हृदय में बसे हुए हैं। उनका संविधान आज भी उतना ही प्रासंगिक है। कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से मांग करती है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह देश की जनता से माफी मांगें और अपने पद से इस्तीफा दें।

इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, सरदार अमरजीत सिंह, बौद्धिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रदीप जोशी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट और अभिनव थापा भी मौजूद थे।

 

By Jagriti Gusain

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