मार्क्सवादी क्युनिस्ट पार्टी एवं सीटू ने मुख्यमंत्री तथा शहरी विकास मंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर इ्दिरा मार्केट रि- डैवलपमैंट प्लान ठप्प होने पर जताई चिंता

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देहरादून। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं सीआईटीयू ने इन्दिरा मार्केट रि- डैवलपमैंट प्लान महीनों से ठप्प पड़े रहने की शिकायत मुख्यमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री उत्तराखण्ड को ज्ञापन के माध्यम से की है।
ज्ञापन में अवगत कराया गया है 2014 से स्वीकृत उक्त परियोजना को अब 10 साल से अधिक समय  हो गया है, इस योजना का दो बार उद्घाटन होने के बावजूद भी निर्माण कार्य ठप्प पड़ा हुआ है, बहाना पैसों एवं बरसात का बनाया जा रहा है,लेकिन वर्तमान में देहरादून शहर के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों  की संख्या में निर्माण कार्य चल रहे हैं,जो अपनी समय सीमा पर पूरे हो रहे हैं।उद्घघाटन के वक्त मुख्यमंत्री को अधिकारियों एवं कम्पनी द्वारा आश्वस्त किया था कि चौदह महीने के अन्तर्गत परियोजना के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण किया जायेगा तथा प्रभावितों के एक हिस्से की शिफ्टिंग हो जायेगी और दूसरे चरण का कार्य शुरू हो जायेगा। इस हेतु परियोजना की लागत 150 करोड से बढ़ाकर 250 करोड़ की गयी थी।बावजूद कार्यदायी संस्था के कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया बल्कि स्थिति पहले से बदतर हुई है
ज्ञापन में पार्टी के द्वारा यह अवगत कराया गया है कि 7 जुलाई 024 को इस सन्दर्भ में एक संयुक्त प्रतिनिधिमण्डल जिसमें सीपीएम,कांग्रेस,आयूपी,सीपीआई,सपा,सीआईटीयू
,एटक ,इंटक ,के अलावा विभिन्न जनसंगठनों ने विधानसभा स्थित कार्यालय में माननीय शहरी विकास मन्त्री उत्तराखण्ड से मुलाकात की गई थी तथा उनसे रि – डैवलपमैंट प्लान में समयबद्ध ढंग से कार्य करने का अनुरोध किया गया था प्रतिनिधि मण्डल के अनुरोध पर मन्त्री द्वारा एमडीडीए अधिकारियों के साथ परियोजना का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये थे बावजूद इसके मौके पर आज भी काम ठप्प पड़ा हुआ है। जिसके परिणास्वरूप प्रभावितों में इस  लापरवाही पर भारी आक्रोश व्याप्त हैl
इन बात का जिक्र करते हुए  कि आज किसी भी स्तर पर प्रभावितों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है। प्रभावितों के रोजगार ठप्प पड़े हुऐ हैं ।अस्थाई खोखों में सीमित स्थान ,पार्किंग एवं रखरखाव की भारी कमी है ।यही भी कहा गया है कि पार्टी एवं विभिन्न जनसंगठनों तथा सीआईटीयू कार्यालय यहाँ अस्थाई खोखों में हैं जिसमें हर दिन बड़ी संख्या में जनता से जुड़े लोग अपनी समस्या को लेकर आते हैं ,हमने सभी उचित माध्यमों से जगह की कमी की शिकायत की थी किन्तु इस पर ध्यान नहीं दिया गया ।हालात यह है कि अस्थाई मार्केट में दुकानों एवं कार्यालयों में पूरे बरसात पानी आ रहा है ।

ज्ञापन में मांगों को विभिन्न बिन्दुओं के माध्यम से क्रमबद्ध किया गया है

  • पिछली एमडीडीए बोर्ड बैठक में कम्पनी की कार्यप्रणाली तथा उसके तैनात जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते उनका ठेका निरस्त किया गया किन्तु वोर्ड का निर्णय भी कागजी कार्यवाही बनकर रह गयाl
  • इस प्लान में कार्य चार चरणों में होना प्रस्तावित है ,एमडीडीए/कम्पनी तथा सरकार के आश्वासन के बाद अधिकांश एम ओ यू 2016 में सम्पन्न हुऐ तथा 2018 में पूरे हुऐ ।
  • एम ओ यू हस्ताक्षर के बाद तत्कालीन एमडीडीए अधिकारियों के आश्वासन के बाद बर्ष 2019 में लगभग 38 प्रभावितों ने अपने मूल स्थान की दुकानों /कार्यालयों को तोड़कर कब्जा एमडीडीए को देकर अस्थाई खोखों में आ गये तत्पश्चात कोरनाकाल के बाद  सभी व्यवसायी खोखों में आ गये ।
  • संज्ञान में आया है कि वर्तमान मे प्रभावित केवल पुराने बस अढ्ढे के लोग हैं ,इन्दिरा मार्केट के व्यवसायी यथावत रोजगार कर रहे हैं ,‌इस स्थित का लाभ भी एमडीडीए एवं कम्पनी ले रही है ,डिबाईड एवं रूल का फार्मूला भी यहाँ खूब फलफूल रहा है ।
परिणाम अस्थाई मार्केट में पहले ही अपना रोजगार गवां चुके लोग भुगत रहे हैं ।

ज्ञापन सचिव सीपीआई (एम)अनन्त आकाश, जिला महामंत्री सीआईटीयू लेखराज के द्वारा प्रेषित किया गया।
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