

उत्तराखंड,देहरादून। ऋषिकेश में भाजपा नगर प्रमुख प्रत्याशी के निकाय चुनाव प्रचार रैली के दौरान गढ़वाली समाज की महिलाओं के प्रति अश्लील भाषा व गाली-गलौज का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
आज विभिन्न जनसंगठनों ने इस मामले पर त्वरित एवं कठोर कार्रवाई के लिए उत्तराखंड हाईकोट के मुख्य न्यायाधीश एव राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखंड राज्य हमें लंबे संघर्ष, त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद प्राप्त हुआ है। हमारी संस्कृति, सभ्यता और “अतिथि देवो भव” की परंपरा पूरे देश ही नहीं, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है। हमारे समाज में महिलाओं को विशेष सम्मान दिया जाता है।
दिनांक 24-01-2025 को भाजपा प्रत्याशी की निकाय चुनाव प्रचार रैली के दौरान, एक अल्पसंख्यक समुदाय के युवक द्वारा गढ़वाली समाज की महिलाओं को अभद्र और अपमानजनक गालियां दी गईं। इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी। इसका उद्देश्य सामाजिक सौहार्द्र को बिगाड़ना और चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करना प्रतीत होता है।
इस घटना से न केवल गढ़वाली समाज, बल्कि जौनसार, कुमाऊं और मैदानी क्षेत्रों के लोगों में भी गहरा आक्रोश है। उत्तराखंड एक शांतिप्रिय प्रदेश है, जहां वैमनस्य फैलाने वाले किसी भी कृत्य को स्वीकार नहीं किया जा सकता। आज गढ़वाली समाज को निशाना बनाया गया, कल अन्य समुदायों को भी इस प्रकार अपमानित किया जा सकता है।
इस तरह की हरकत बिना किसी प्रभावशाली व्यक्ति के समर्थन के संभव नहीं है। हमें संदेह है कि इस कृत्य के पीछे किसी बड़े राजनेता, मंत्री या षड्यंत्रकारी का हाथ हो सकता है, जिसकी गहन जांच आवश्यक है।
हमारे संज्ञान में आया है कि पुलिस ने अफजल अली नामक एक व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार किया है, जिसे पुलिस नाबालिग बता रही है। हालांकि, वीडियो में उसकी शारीरिक बनावट देखकर ऐसा प्रतीत नहीं होता कि वह नाबालिग है।
अतः हमारी मांगें निम्नलिखित हैं:
- गाली-गलौज करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर, उसका मेडिकल परीक्षण कराया जाए, ताकि उसकी उम्र की सटीक पुष्टि हो सके।
- चूंकि यह घटना भाजपा प्रत्याशी की चुनावी रैली के दौरान हुई, इसलिए उनकी जीत को निरस्त किया जाए।
- उत्तराखंड में पासवान जाति अनुसूचित जातियों में अधिसूचित नहीं है, अतः शंभू पासवान का निर्वाचन अवैध घोषित कर, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
- शंभू पासवान का नामांकन स्वीकार करने वाले रिटर्निंग अधिकारी को निलंबित कर, उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
- इस पूरे प्रकरण की गहन जांच कर यह स्पष्ट किया जाए कि इसके पीछे कौन-से राजनेता या मंत्री शामिल हैं, और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी प्रमिला रावत,मेजर संतोष रावत, सचिव सीपीआईएम अनंत आकाश, पुरुषोत्तम बडोनी, राज्य आंदोलनकारी जब्बर सिंह पावेल, मनोज ध्यानी आदि भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।