देहरादून, (जिला सूचना कार्यालय)। जिलाधिकारी एवं प्रशासक सविन बंसल ने नगर निगम कार्यालय में शहर की सफाई व्यवस्था की पिछले एक महीने की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कूड़ा उठान का कार्य कर रही कंपनियां निर्धारित लक्ष्य का केवल 70-80 प्रतिशत ही कार्य कर पा रही हैं। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कंपनियां शत-प्रतिशत कूड़ा उठान सुनिश्चित करें और एमओयू के अनुरूप उपकरणों और मैनपावर की व्यवस्था करें।
उन्होंने यह भी कहा कि सफाई कार्यों में लापरवाही या मानकों का पालन न करने पर विधिक एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कूड़ा उठान और सेग्रिगेशन कार्यों की निगरानी के लिए सेंट्रलाइज्ड डैशबोर्ड व्यवस्था तैयार करने के निर्देश भी दिए।
जिलाधिकारी ने “इकोनवेस्ट” और “सनलाइट” कंपनियों को लिखित माफी के साथ 15 दिन का अंतिम समय दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ, तो संबंधित वार्डों के लिए नई फर्मों के चयन हेतु टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 47 वार्डों के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले से ही प्रगतिशील है, जिसमें आधुनिक तकनीक पर जोर दिया गया है। साथ ही, यदि किसी कंपनी का टेंडर बहुत कम धनराशि का होगा और मानकों के अनुरूप नहीं होगा, तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सफाई व्यवस्था में किसी प्रकार की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।
शीशमबाड़ा कूड़ा डिस्पोजल प्लांट की स्थिति पर उन्होंने जानकारी दी कि दिसंबर माह में 6740 टन कूड़ा डिस्पोजल किया गया। प्रतिदिन 500 टन कूड़ा प्लांट पर आ रहा है, जबकि 800 टन प्रतिदिन निस्तारित किया जा रहा है। उन्होंने प्लांट द्वारा कार्यों को कमिटमेंट के अनुसार पूरा न करने पर संबंधित फर्म पर पेनल्टी लगाने और कार्यानुसार ही भुगतान करने के निर्देश दिए। कंपनी द्वारा मांगी गई समय सीमा 28 जनवरी को समाप्त हो रही है। जिलाधिकारी ने पीएमसी के माध्यम से कार्यों की निगरानी के निर्देश भी दिए।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने कारगी और धोरण में कूड़ा कलेक्शन सेंटर की जानकारी ली और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि करोड़ों की परियोजनाओं को मजाक न बनाया जाए। यदि अधिकारी अपने दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं हैं, तो वे अपने मूल विभाग में लौट जाएं। उन्होंने पीआईयू की बैठक बुलाकर परियोजनाओं की प्रभावी समीक्षा करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान स्ट्रीट लाइट की स्थिति की भी समीक्षा की गई। बताया गया कि मरम्मत के लिए प्रतिदिन 20-25 शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जिन्हें उसी दिन हल किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नमामि बंसल, अपर नगर आयुक्त हेमंत, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, गौरव जिसान और संबंधित अधिकारी, पीएमसी व कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।