सीपीएम का आठवां राज्य सम्मेलन सम्पन्न: साम्प्रदायिकता, फूटपरस्ती और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का संकल्प

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चमोली,कर्णप्रयाग। साम्प्रदायिकता, फूटपरस्ती, कॉरपोरेटपरस्ती और तानाशाही के खिलाफ संघर्ष और मजबूत पार्टी के निर्माण के संकल्प के साथ सीपीएम का आठवां राज्य सम्मेलन कर्णप्रयाग स्थित कामरेड बच्चीराम कौसवाल नगर में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में 25 सदस्यीय राज्य कमेटी का गठन किया गया, जिसमें कामरेड राजेन्द्र पुरोहित को राज्य सचिव चुना गया।

राज्य कमेटी में चुने गए सदस्य
राजेन्द्र पुरोहित, राजेन्द्र सिंह नेगी, महेन्द्र जखमोला, इंदु नौडियाल, शिवप्रसाद देवली, भूपाल सिंह रावत, मदन मिश्रा, राजाराम सेमवाल, लेखराज, अनन्त आकाश, नितिन, भगवान सिंह राणा, वीरेंद्र गोस्वामी, सत कुमार, माला गुरूंग, कमरुद्दीन, आरपी जोशी, दमयंती नेगी, विजय भट्ट, कमलेश गौड़, हिमांशु चौहान, मनमोहन रौतेला, पुरुषोत्तम बडोनी, शंभू ममगाई, आमंत्रित सुरेंद्र सजवाण, गंगाधर नौडियाल और सुरेंद्र रावत।

राज्य सचिव मंडल में राजेन्द्र पुरोहित, राजेन्द्र नेगी, इंदु नौडियाल, महेन्द्र जखमोला, भूपाल सिंह, शिवप्रसाद देवली, लेखराज, नितिन मलेठा और राजाराम सेमवाल चुने गए।

अखिल भारतीय सम्मेलन के प्रतिनिधि
राजेन्द्र नेगी, राजेन्द्र पुरोहित, वीरेंद्र गोस्वामी, भूपाल सिंह रावत (प्रतिनिधि)
पर्यवेक्षक – दमयंती नेगी और हिमांशु चौहान।

सम्मेलन की प्रमुख बातें:

सम्मेलन की शुरुआत में प्रख्यात फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया और उनके योगदान को याद किया गया।

पूर्व राज्य सचिव कामरेड राजेन्द्र सिंह नेगी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर चर्चा हुई और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।

पोलिट ब्यूरो सदस्य कामरेड तपन सेन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी को वैचारिक और सांगठनिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि पार्टी के हस्तक्षेपों से देश में किसान, मजदूर और अन्य आंदोलनों को मजबूती मिली है, जिससे भाजपा को अपनी बढ़त रोकने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन मोदी सरकार की कॉरपोरेटपरस्त और साम्प्रदायिक नीतियां जनता की एकता को कमजोर करने का षड्यंत्र रच रही हैं। तपन सेन ने पार्टी से इन नीतियों के खिलाफ निरंतर संघर्ष करने का आह्वान किया।

सम्मेलन में पारित प्रस्ताव

1. बेरोजगारी के खिलाफ।

2. निजीकरण और मौद्रिकरण के विरोध में।

3. “एक राष्ट्र, एक चुनाव” नीति के विरोध में।

4. तीर्थाटन पर सरकार की मनमानी के खिलाफ।

5. बढ़ती महंगाई के खिलाफ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

सम्मेलन में छात्रों, युवाओं और सांस्कृतिक कर्मियों ने जनगीत प्रस्तुत किए।

आय-व्यय की रिपोर्ट एनएस पंवार और क्रेडेंशियल रिपोर्ट शंभू प्रसाद ममगाई ने प्रस्तुत की, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।

धन्यवाद ज्ञापन

सम्मेलन के सफल आयोजन में सहयोग देने के लिए जनपद की जिला कमेटी का आभार व्यक्त किया गया।

 

 

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