देहरादून। शनिवार को विकास भवन सभागार में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय द्वारा एक दिवसीय जनपदस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को प्रभावी बनाना तथा Low Hanging संकेतकों पर केंद्रित हस्तक्षेप के माध्यम से आवश्यक सुधार सुनिश्चित करना था। इस कार्यशाला में जनपदस्तरीय अधिकारियों और सभी खंड विकास अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह द्वारा किया गया। इसके बाद, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सी०पी०पी०जी०जी० (नियोजन विभाग), उत्तराखंड शासन मनोज पंत ने सतत् विकास लक्ष्यों के 17 उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2023-24 की राष्ट्रीय स्तर की सतत् विकास लक्ष्य रैंकिंग में उत्तराखंड ने केरल के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने इसे बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया।
सी०पी०पी०जी०जी०, नियोजन विभाग, देहरादून के विशेषज्ञ शैलेन्द्र कुमार ने SDG Data Eco System एवं Monitoring पर चर्चा करते हुए SDG पोर्टल का उपयोग बताया। उन्होंने जानकारी दी कि देहरादून जनपद ने 2023-24 में राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया है और आगामी वर्षों में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने Low Hanging संकेतकों की चर्चा करते हुए कहा कि जिन विभागों की प्रगति मानकों से कम है, उन्हें अपने डेटा तंत्र में सुधार लाने और रणनीतिक प्रयासों से प्रगति तेज करने की जरूरत है।
कार्यशाला में पीएम गतिशक्ति परियोजना प्रबंधन इकाई के परियोजना प्रबंधक अक्षय जायसवाल ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान और इससे संबंधित पोर्टल पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह पोर्टल विभागों को योजनाओं के नियोजन और क्रियान्वयन में मददगार होगा। जीआईएस आधारित आंकड़ों और विभिन्न विभागों के डेटा की उपलब्धता से एक कारगर योजना और अनुश्रवण व्यवस्था बनाई जा सकती है। उन्होंने विभागों को पोर्टल का अधिकतम उपयोग करने और डेटा को नियमित रूप से अपडेट करने पर जोर दिया।
इसके अतिरिक्त, सी०पी०पी०जी०जी० नियोजन विभाग के विशेषज्ञ करूणाकर सिंह ने भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। कार्यशाला का समापन अपर सांख्यिकीय अधिकारी धीरज गुप्ता ने सभी उपस्थित अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए किया।
इस कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सी०पी०पी०जी०जी०, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी (उरेडा), सहायक निदेशक (दुग्ध) और अन्य जनपदस्तरीय अधिकारी व खंड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।