दुनिया का सबसे दुर्लभ पक्षी उत्तराखंड में मौजूद ,खूबसूरती की दीवानी सारी दुनिया

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गंगोत्री नेशनल पार्क के पास स्थित हर्षिल घाटी उत्तराखंड का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां दुर्लभ आइबिसबिल पक्षी प्रजनन करता है। हर्षिल घाटी में भागीरथी (गंगा) सहित कई छोटी-छोटी नदियां हैं, जिनके आसपास आइबिसबिल का प्रजनन क्षेत्र है। आइबिसबिल जून व जुलाई में प्रजनन करता है। यह बहुत सुंदर पक्षी है, जिसकी भूरी और सफेद रंग की बेली, लाल पैर, घुमावदार लाल लंबी चोंच होती है। आइबिसबिल की हर्षिल घाटी में मौजूदगी का सबसे पहला सबूत 113 पहले लिखी गई एक किताब में मिलता है। आगे पढ़िए

साल वर्ष 1910 में फ्रेडरिक विल्सन पर लिखी गई एक पुस्तक में आइबिसबिल की मौजूदगी के प्रमाण हैं। साल 2013 में भी यहां पर आइबिसबिल पक्षी को देखा गया, लेकिन साल 2022 में पक्षी विशेषज्ञों ने पहली बार हर्षिल घाटी की पहचान आइबिसबिल पक्षी के प्रजनन क्षेत्र के रूप में की। भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से अगस्त 2022 में विशेषज्ञों ने आइबिसबिल के प्रजनन क्षेत्र को लेकर शोध पत्र भी जारी किया है। यह पक्षी शीतकालीन प्रवास के लिए राजाजी और कार्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में भी पहुंचता है। बात करें हर्षिल घाटी की तो ये जगह पक्षी प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। यहां आइबिसबिल के अलावा ब्राउन एक्सेंटर व हिमालयी ग्रैंडेला की मौजूदगी भी दर्ज की गई है। सिक्योर हिमालय परियोजना और भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से इन पक्षियों पर शोध पत्र भी जारी हो चुके हैं। पक्षी प्रेमी व विशेषज्ञ इससे उत्साहित हैं।

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